प्रस्तावना: एक खूबसूरत शाम या मौत की आहट?
रात की कालिमा में सितारों से सजी हुई एक शानदार शाम। चमचमाती लाइट्स, रोमांटिक म्यूजिक और रिज़ॉर्ट के डांस फ्लोर पर हाथों में हाथ डाले नाचता एक जोड़ा—अनोख मित्तल और उसकी पत्नी लिप्सी। चेहरे पर प्यार की झलक, होंठों पर मुस्कान, मानो यह रिश्ता किसी परीकथा से कम नहीं।
मोबाइल कैमरे में कैद होते इन खूबसूरत पलों का हर फ्रेम अनोख खुद शूट कर रहा था। उसने व्हाट्सएप स्टेटस पर यह वीडियो अपलोड किया—"परफेक्ट कपल, परफेक्ट नाइट!"
लेकिन कोई नहीं जानता था कि यह एक झूठ था—एक साज़िश, जो महीनों पहले रची जा चुकी थी।
केवल एक घंटे बाद, यही लिप्सी एक सुनसान सड़क किनारे खून से लथपथ मिलेगी, और उसका "परफेक्ट" पति खुद को एक निर्दोष पीड़ित के रूप में पेश करेगा।
अनोख मित्तल – एक महत्वाकांक्षी आदमी और उसकी खतरनाक चाहत
लुधियाना का जाना-माना कारोबारी अनोख मित्तल, जो कार बैटरी डिस्ट्रीब्यूटर था, हाल ही में एक राजनीतिक पार्टी से जुड़ा था। उसका सपना था राजनीति में बड़ा नाम कमाने का। मगर उसकी निजी ज़िंदगी में एक पेचीदा मोड़ आ चुका था—उसकी पत्नी लिप्सी।
शादी को कई साल हो चुके थे, दो बच्चे थे, लेकिन अब उसकी ज़िंदगी में एक और औरत आ चुकी थी। 2021 में शुरू हुआ यह अफेयर अब जुनून में बदल चुका था। वह अपनी गर्लफ्रेंड से शादी करना चाहता था, मगर लिप्सी को रास्ते से हटाए बिना यह संभव नहीं था।
तलाक की कोशिश बेकार गई। लिप्सी ने इनकार कर दिया। अब अनोख के पास केवल एक ही रास्ता था—हत्या।
साजिश की पहली ईंट – हत्यारों की तलाश
अनोख ने पहले अपने ही एक कर्मचारी को हत्या के लिए राज़ी करने की कोशिश की, लेकिन वह डर गया और दूर हो गया। उसने कई लोगों से संपर्क किया, लेकिन या तो लोग पैसे लेकर भाग गए, या फिर हिम्मत नहीं जुटा सके।
आखिरकार, उसे चार ऐसे लोग मिले, जिनकी नीयत पैसे से खरीदी जा सकती थी। ₹2,50,000 की सुपारी तय हुई। ₹50,000 एडवांस।
लेकिन यह केवल एक हत्या नहीं थी—यह एक "परफेक्ट क्राइम" बनाने की योजना थी।
एक दिखावटी डिनर डेट – मौत की ओर पहला कदम
17 फरवरी, रविवार। अनोख अचानक से बेहद रोमांटिक हो गया। वह लिप्सी से बेहद प्यार से पेश आने लगा। उसे लगा कि शायद उसका पति बदल गया है।
इसी जाल में फंसकर, जब अनोख ने डिनर डेट पर चलने को कहा, तो लिप्सी खुशी-खुशी तैयार हो गई।
लुधियाना से 25 किलोमीटर दूर एक आलीशान रिज़ॉर्ट चुना गया। वहाँ का माहौल खुशनुमा था—रंगीन लाइट्स, तेज़ म्यूजिक, और हंसते-नाचते लोग। अनोख ने अपने मोबाइल से पूरे डांस का वीडियो शूट किया और अपने स्टेटस पर डाल दिया।
मौत का ट्रैप – सुनसान सड़क, और खून से रंगी रात
रात के 12 बजे, दोनों रिज़ॉर्ट से निकले। लिप्सी को यह अंदाज़ा भी नहीं था कि उसका पति उसे मौत की ओर ले जा रहा है।
कुछ किलोमीटर चलने के बाद, अनोख ने बहाना बनाया कि उसे वॉशरूम जाना है। वह कार से बाहर निकला, इधर-उधर देखा, फिर वापस आकर कार में बैठ गया।
कुछ मिनट बाद, उसने फिर कार रोकी और पार्किंग लाइट ऑन कर दी—यह सुपारी किलर्स के लिए सिग्नल था।
जैसे ही कार रुकी, एक दूसरी गाड़ी तेजी से आई और उसके पास आकर रुकी। चार लोग उतरे—चेहरे नकाब से ढके हुए।
लिप्सी को कुछ समझ आता, इससे पहले ही चाकू के वार शुरू हो गए।
"अनोख! बचाओ!"
वह चीख रही थी, अनोख को पुकार रही थी, मगर वह दूर खड़ा तमाशा देख रहा था।
हत्यारों ने उसे कार से बाहर खींचा, उसके गहने उतारे, और खून से सनी लाश को सड़क किनारे फेंक दिया।
जाने से पहले, एक हत्यारे ने अनोख को हल्की चोट भी मारी—उसे भी एक 'पीड़ित' दिखाने के लिए।
पुलिस जांच – एक छोटी गलती और पूरी साजिश बेनकाब
रात के 12:45 बजे, एक ढाबा मालिक ने सड़क किनारे कराहती हुई लिप्सी को देखा और पुलिस को फोन कर दिया।
पुलिस आई, दोनों को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन लिप्सी को बचाया नहीं जा सका।
अनोख ने बयान दिया—
"हमें लुटेरों ने रोका, उन्होंने मुझे कुछ सुंघाकर बेहोश कर दिया, और लिप्सी को मार दिया।"
मगर पुलिस को उसकी कहानी पर भरोसा नहीं हुआ।
पहला शक – डॉक्टरों ने बताया कि अनोख को कोई केमिकल नहीं सुंघाया गया था।
दूसरा शक – अनोख की कॉल डिटेल्स में रात 12:30 बजे एक मैसेज था— "DON"
जब पुलिस ने इस नंबर की पड़ताल की, तो यह अनोख की गर्लफ्रेंड का निकला।
पुलिस समझ गई कि कुछ गड़बड़ है।
गिरफ्तारी – 'धरना' से सीधे हथकड़ी
सुबह होते ही, अनोख ने खुद को मासूम दिखाने के लिए इंसाफ की मांग करते हुए धरना दे दिया।
मीडिया आई, कैमरे आए, और अनोख ने आंसू बहाए।
मगर पुलिस को अब सबूत चाहिए थे।
सुपारी किलर्स में से एक को ट्रेस करके पकड़ लिया गया। सख्त पूछताछ में उसने सच उगल दिया।
अब सवाल था—धरने पर बैठे अनोख को कैसे गिरफ्तार किया जाए?
पुलिस ने चाल चली।
उन्होंने धरने पर जाकर अनोख से कहा—
"हम तुम्हारी मेडिकल जांच कराना चाहते हैं, ताकि केस मजबूत हो।"
अनोख खुद को मासूम समझकर पुलिस के साथ चल पड़ा।
और जैसे ही पुलिस उसे धरने से कुछ दूर ले गई—उसकी गिरफ़्तारी हो गई।
अंजाम – अपराध का पर्दाफाश
पूरी साजिश उजागर हो चुकी थी।
मीडिया में यह खबर आग की तरह फैल गई—"धरने पर बैठा इंसाफ मांगने वाला शख्स ही असली कातिल निकला!"
अनोख की राजनीतिक महत्वाकांक्षाएँ खत्म हो गईं, उसका बिज़नेस बर्बाद हो गया, और उसकी गर्लफ्रेंड भी उसका साथ छोड़ गई।
सीख – अपराध कितना भी सोचा-समझा हो, सच छिप नहीं सकता
अनोख ने हत्या की एक 'परफेक्ट' साजिश रची थी, मगर एक छोटी गलती
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