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उत्तर प्रदेश में एक शर्मनाक घटना: पुलिस का दुरुपयोग छात्रा और एक महिला कॉन्स्टेबल की पीड़ा


यह कहानी उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के एक गाँव की है, जहाँ एक कक्षा 12 की छात्रा के साथ एक भयावह घटना घटी। मार्च 2022 में, जब पूरा देश होली के रंगों में डूबा हुआ था, यह लड़की अपने घर में स्नान कर रही थी। तभी तीन दबंग उसके घर में जबरन घुस आए और उसकी अश्लील तस्वीरें और वीडियो बना लिए। जब छात्रा ने विरोध किया, तो उन्होंने उसके साथ दुर्व्यवहार किया। इस घटना से आहत होकर छात्रा ने अपने पिता को सारी बात बताई और दोनों ने थाने जाकर एफआईआर दर्ज कराने का प्रयास किया। हालांकि, थाने में तैनात दरोगा ललित चौधरी ने इस गंभीर अपराध को महज शांति भंग की धाराओं में दर्ज कर लिया और पीड़िता की पीड़ा को नज़रअंदाज़ कर दिया। इसके बाद छात्रा ने समाज और पुलिस की उदासीनता से निराश होकर आत्महत्या कर ली। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में आक्रोश फैला दिया, लेकिन दरोगा ने अपनी हरकतों से कोई सबक नहीं लिया।


समय बीतता गया, लेकिन दरोगा ललित चौधरी की मानसिकता नहीं बदली। 3 जनवरी 2024 को अमरोहा जिले में एक महिला कॉन्स्टेबल एसपी कुंवर अनुपम सिंह से मिलने के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रही थी। जब उसकी बारी आई और वह एसपी के सामने पहुंची, तो उसकी आँखों में आंसू थे। एसपी ने जब उसकी परेशानी पूछी, तो उसने अपनी दर्दनाक कहानी सुनाई। महिला कॉन्स्टेबल ने बताया कि मुरादाबाद के मझोला थाने में हेल्प डेस्क पर उसकी पोस्टिंग थी। वहीं उसकी मुलाकात दरोगा ललित चौधरी से हुई। दरोगा ने उससे मित्रता बढ़ाने के बहाने बातचीत शुरू की और अपने गांव को लेकर आत्मीयता जताई। धीरे-धीरे वह उसके प्रति आकर्षित होने लगा और उसे अपनी गाड़ी से छोड़ने के बहाने ले जाने लगा। एक दिन मौका पाकर दरोगा ने उसे अपने कमरे पर बुलाया और उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। महिला कॉन्स्टेबल ने विरोध किया, लेकिन दरोगा ने उसे शादी का आश्वासन देकर चुप करा दिया। यह सिलसिला चलता रहा और कुछ समय बाद महिला कॉन्स्टेबल गर्भवती हो गई। जब उसने यह बात दरोगा को बताई, तो उसने दबाव डालकर उसका गर्भपात करा दिया। कुछ समय बाद यही घटना दोहराई गई और महिला कॉन्स्टेबल को फिर से गर्भपात कराना पड़ा।

एक दिन दरोगा का फ़ोन गलती से महिला कॉन्स्टेबल के पास रह गया। तभी उसमें एक कॉल आई, जिसमें दूसरी महिला की आवाज थी। जब महिला कॉन्स्टेबल ने पूछा कि वह कौन है, तो उसने बताया कि वह दरोगा की पत्नी है। यह सुनकर महिला कॉन्स्टेबल स्तब्ध रह गई, क्योंकि उसे अब तक इस बात की जानकारी नहीं थी कि दरोगा पहले से शादीशुदा है। इस खुलासे के बाद दोनों महिलाओं के बीच बहस हुई। महिला कॉन्स्टेबल ने दरोगा से जबरदस्ती किए जाने का विरोध किया और उससे रिश्ता खत्म करने की बात कही। इसी बीच महिला कॉन्स्टेबल की सगाई तय हो गई। जब यह बात दरोगा को पता चली, तो उसने महिला कॉन्स्टेबल को धमकाया, मारपीट की और उसकी शादी तोड़ने की कोशिश की। परेशान होकर महिला कॉन्स्टेबल ने अपना ट्रांसफर अमरोहा करवा लिया, लेकिन यहाँ भी दरोगा ने उसका पीछा नहीं छोड़ा।

तीसरी बार गर्भवती होने के बाद, 19 दिसंबर 2023 को महिला कॉन्स्टेबल को फिर से पेट में तेज दर्द हुआ। जब उसने मेडिकल जांच कराई, तो पता चला कि वह तीसरी बार गर्भवती हो चुकी है। उसने यह बात दरोगा को बताई, तो उसने फिर से गर्भपात करने का दबाव डाला। जब महिला कॉन्स्टेबल ने इस बार मना कर दिया, तो दरोगा ने उसे धमकी दी कि यदि उसने उसकी बात नहीं मानी, तो वह उसकी अश्लील तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड कर देगा। इस बार महिला कॉन्स्टेबल ने हिम्मत जुटाकर उच्च अधिकारियों के सामने जाने का फैसला किया। उसने एसपी से मुलाकात कर पूरी कहानी बताई, जिसके बाद मामला गंभीरता से लिया गया। एसपी कुंवर अनुपम सिंह ने महिला थाने में फ़ोन कर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। इस मामले में दरोगा ललित चौधरी, उसके भाई और उसकी पत्नी के खिलाफ़ धारा 376, 323, 313, 504, 506 और एससी/एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया गया।

एफआईआर दर्ज होते ही दरोगा को इस बात की भनक लग गई और वह मुरादाबाद से सीधा पीलीभीत भाग गया। यह वही दरोगा था, जिसकी लापरवाही के कारण एक छात्रा ने अपनी जान गंवाई थी। यदि उसने उस समय अपनी जिम्मेदारी समझी होती और अपने कर्तव्य का सही से पालन किया होता, तो आज उत्तर प्रदेश की पुलिस को उस पर थू-थू नहीं करनी पड़ती। इस घटना का मकसद किसी को अपमानित करना नहीं, बल्कि समाज को जागरूक करना है। पुलिस का काम अपराधियों को पकड़ना और जनता की रक्षा करना होता है, न कि स्वयं अपराध में लिप्त होना। यह घटना इस बात का जीता-जागता उदाहरण है कि यदि कानून के रक्षक ही अपराधी बन जाएं, तो न्याय की उम्मीद कहाँ की जाए? अब पूरा उत्तर प्रदेश देख रहा है कि इस दरोगा को उसके किए की सजा कब और कैसे मिलती है।

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