History of Uttar Pradesh | उत्तर प्रदेश का इतिहास

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उत्तर प्रदेश


इस लेख में आप History of Uttar Pradesh | उत्तर प्रदेश का इतिहास के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसमें राज्य की स्थापना से लेकर आधुनिक काल तक के महत्वपूर्ण घटनाओं, नगरों के विकास, और भूगोलिक स्थिति के बारे में जानकारी शामिल है। इस लेख में उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाओं और सांस्कृतिक विरासत के बारे में भी बात की गई है। यह आपके लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन हो सकता है जो उत्तर प्रदेश के इतिहास को समझने में मदद करेगा।

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About
राज्य उत्तर प्रदेश (26 जनवरी 1950)
देश भारत
क्षेत्र अवध, बघेलखंड, भोजपुर-पूर्वांचल, बृज, बुन्देलखण्ड, कन्नौज और रोहिलखंड
राज्य का दर्जाा 24 जनवरी 1950
राजधानी लखनऊ
जनपद 75
मण्डल 18
क्षेत्रफल 240928 किमी(93,023 वर्गमील)
क्षेत्र दर्जा 4था
देश भारत
क्षेत्र दर्जा 4था
अधिकतम ऊँचाई 957 मी (3,140 फीट
जनसंख्या (2021) 241,066,874
GDP(2020–21) ₹17050 अरब
प्रति व्यक्ति ₹65,431 (US$955.29)
राजभाषा हिन्दी
अतिरिक्त भाषा उर्दू
मातृभाषा अवधी, बघेली, भोजपुरी, बृज, बुंदेली, कन्नौजी, कौरवी
साक्षरता(2011) 67.68%
तहसीलोँ की संख्या 351
विश्वविद्यालयोँ की संख्या 55
उच्च न्यायालय प्रयागराज (खण्डपीठ- लखनऊ)
राजकीय पक्षी सारस या क्रौँच
राजकीय पेड़ अशोक
राजकीय पुष्प पलाश या टेंसू
राजकीय चिन्ह एक वृत्त में 2 मछली एवँ तीर कमान
स्थापना दिवस 1 नवंबर 1956 विधानमण्डल द्विसदनात्मक

" उत्तर प्रदेश का प्राचीन इतिहास "

चित्रकूट

चित्रकूट (Chitrakoot)

भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के चित्रकूट जिले में स्थित एक शहर है। यह उस जिले का मुख्यालय भी है। यह बुन्देलखण्ड क्षेत्र मे स्थित है और बहुत सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, धार्मिक और पुरातात्विक महत्व रखता है। चित्रकूट भगवान राम की कर्म भूमि है। भगवान राम ने वनवास के 11 वर्ष चित्रकूट मे बिताये थे।


गंगा

वाराणसी (Varanasi)

 वाराणसी जिसे काशी (Kashi) और बनारस (Benaras) भी कहा जाता है, भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में गंगा नदी के तट पर स्थित एक प्राचीन नगर है। हिन्दू धर्म में यह एक अतयन्त महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है, और बौद्ध व जैन धर्मों का भी एक तीर्थ है।


गौतम बुद्ध

कुशीनगर (Kushinagar)

कुशीनगर भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के कुशीनगर ज़िले में स्थित एक नगर है। यह एक ऐतिहासिक स्थल है जहाँ महात्मा बुद्ध का महापरिनिर्वाण हुआ था। प्रबुद्ध सोसाइटी नेचुआ जलालपुर गोपालगंज बिहार कुशीनगर में प्रति वर्ष प्रबुद्ध सम्मेलन एवं सम्मान समारोह 10अगस्त को करता है।


मगध (Magadh)

मगध प्राचीन भारत के 16 महाजनपदों में से एक था। आधुनिक पटना तथा गया जिला इसमें शामिल थे। इसकी राजधानी "गिरिव्रज" बाद में "पाटलिपुत्र" थी। मगध का सर्वप्रथम उल्लेख अथर्व वेद में मिलता है। अभियान चिन्तामणि के अनुसार मगध को कीकट कहा गया है। गौतम बुद्ध के पूर्व बृहद्रथ वंश के बृहद्रथ तथा जरासंध यहाँ के प्रतिष्ठित राजा थे।


उज्जैन (Ujjain)

ज्जैन भारत के मध्य प्रदेश राज्य का एक प्रमुख शहर है जो क्षिप्रा नदी या शिप्रा नदी के किनारे पर बसा है। यह एक अत्यन्त प्राचीन शहर है। यह महान सम्राट विक्रमादित्य के राज्य की राजधानी थी । उज्जैन को कालिदास की नगरी के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ हर 12 वर्ष पर सिंहस्थ महाकुंभ मेला लगता है।


महापद्म नंद (Mahapadma Nanda)

 महापद्म नंद नन्द वंश भारत के प्रथम सम्राट थे। पुराणों तथा विशाखदत्त के मुद्राराक्षस के अनुसार वह एक शिशुनाग वंशी क्षत्रिय महामंदी के पुत्र थे। पुराणों में इन्हें 'महापद्म' तथा महाबोधिवंश में 'उग्रसेन' कहा गया है। उसे 'महापद्म एकरात', 'सर्व क्षत्रान्तक' आदि उपाधियों से विभूषित किया गया है । सम्राट अशोक (Emperor Ashoka) सम्राट अशोक विश्वप्रसिद्ध एवं शक्तिशाली भारतीय मौर्य राजवंश के महान सम्राट थे। अशोक बौद्ध धर्म के सबसे प्रतापी राजा थे। सम्राट अशोक का पूरा नाम देवानांप्रिय अशोक था। उनका राजकाल ईसा पूर्व 269 से, 232 प्राचीन भारत में था।


समुद्रगुप्त गुप्त (Samudragupt Gupta)

समुद्रगुप्त गुप्त राजवंश के दूसरे राजा और चन्द्रगुप्त प्रथम के उत्तराधिकारी थे एवं पाटलिपुत्र उनके साम्राज्य की राजधानी थी। वे वैश्विक इतिहास में सबसे बड़े और सफल सेनानायक एवं सम्राट माने जाते हैं। समुद्रगुप्त, गुप्त राजवंश के चौथे शासक थे, और उनका शासनकाल भारत के लिये स्वर्णयुग की शुरूआत कही जाती है।


चन्द्रगुप्तविक्रमादित्य(ChandraguptaVikramaditya)

चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य (राज्यकाल ३७५ ई से ४१४ ई) भारत के गुप्त वंश के महानतम एवं सर्वाधिक शक्तिशाली सम्राट थे। उनका राज्यकाल में गुप्त राजवंश अपने चरम उत्कर्ष पर था। यह समय भारत का स्वर्णिम युग भी कहा जाता है। चन्द्रगुप्त द्वितीय , समुद्रगुप्त महान के पुत्र थे। उन्होंने आक्रामक विस्तार की नीति एवं लाभदयक पारिग्रहण नीति का अनुसरण करके सफलता प्राप्त की। कन्नौज (Kannauj) कन्नौज भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के कन्नौज जिले में स्थित एक नगर है। यह जिले का मुख्यालय भी है। शहर का नाम संस्कृत के कान्यकुब्ज (Kānyakubja) शब्द से बना है। कन्नौज एक प्राचीन नगरी है एवम् कभी हिंदू साम्राज्य की राजधानी के रूप में प्रतिष्ठित रहा है।

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" उत्तर प्रदेश का मध्यकालीन इतिहास "

मुहम्मद गौरी

मुहम्मद ग़ौरी (Muhammad Ghori)

 मुहम्मद ग़ौरी 11वीं शताब्दी का अफ़ग़ान सेनापति था जो ११९२ ई. में ग़ौरी साम्राज्य का सुल्तान बना। सेनापति की क्षमता में उसने अपने भाई ग़ियासुद्दीन ग़ौरी (जो उस समय सुल्तान था) के लिए भारतीय उपमहाद्वीप पर ग़ौरी साम्राज्य का बहुत विस्तार किया और उसका पहला आक्रमण मुल्तान (११७५ ई.) पर था। पाटन (गुजरात) के शासक भीम द्वितीय पर मुहम्मद ग़ौरी ने ११७८ ई. में आक्रमण किया किन्तु मुहम्मद ग़ौरी बुरी तरह पराजित हुआ।


बाबर (Babar)

बाबर मुग़ल साम्राज्य के संस्थापक और प्रथम शासक था। इनका जन्म मध्य एशिया के वर्तमान उज़्बेकिस्तान में हुआ था। यह तैमूर और चंगेज़ ख़ान का वंशज था। मुबईयान नामक पद्य शैली का जन्मदाता बाबर को ही माना जाता है। 1504 ई॰ में काबुल तथा 1507 ई॰ में कन्धार को जीता तथा बादशाह की उपाधि धारण की।


इब्राहिम लोदी (Ibrahim Lodi)

इब्राहिम लोदी दिल्ली सल्तनत का अंतिम सुल्तान था। वह अफगानी था। उसने भारत पर 1517-1526 तक राज किया और फिर मुगलों द्वारा पराजित हुआ, जिन्होंने एक नया वंश स्थापित किया, जिस वंश ने यहाँ तीन शताब्दियों तक राज्य किया।


अकबर (Akbar)

अकबर तैमूरी वंशावली के मुगल वंश का तीसरा शासक था। अकबर को अकबर-ऐ-आज़म, शहंशाह अकबर, महाबली शहंशाह के नाम से भी जाना जाता है। सम्राट अकबर मुगल साम्राज्य के संस्थापक जहीरुद्दीन मुहम्मद बाबर का पौत्र और नासिरुद्दीन हुमायूं एवं हमीदा बानो का पुत्र था।


फतेहपुर सीकरी (Fatehpur Sikri)

फतेहपुर सीकरी एक नगर है जो कि मुगल सम्राट अकबर ने सन् 1571 में बसाया था। वर्तमान में यह आगरा जिला का एक नगरपालिका बोर्ड है। यह भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित है। यह यहाँ के मुगल साम्राज्य में अकबर के राज्य में 1571 से 1585 तक मुगल साम्राज्य की राजधानी रही फिर इसे खाली कर दिया।


शाह जहाँ (Shah Jahan)

शाह जहाँ पाँचवे मुग़ल शहंशाह थे। शाह जहाँ अपनी न्यायप्रियता और वैभवविलास के कारण अपने काल में बड़े लोकप्रिय रहे। किन्तु इतिहास में उनका नाम केवल इस कारण नहीं लिया जाता। शाहजहाँ का नाम एक ऐसे आशिक के तौर पर लिया जाता है जिसने अपनी बेग़म मुमताज़ बेगम के लिए विश्व की सबसे ख़ूबसूरत इमारत ताज महल बनाने का यत्न किया।


> भक्ति आन्दोलन (Bhakti Movement)

भक्ति आन्दोलन में सामाजिक-धार्मिक सुधारकों द्वारा समाज में विभिन्न तरह से भगवान की भक्ति का प्रचार-प्रसार किया गया। सिख धर्म के उद्भव में भक्ति आन्दोलन की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है। स्वामी रामानन्द (Swami Ramanand) स्वामी रामानन्द मध्यकालीन भक्ति आन्दोलन के महान सन्त थे। उन्होंने रामभक्ति की धारा को समाज के प्रत्येक वर्ग तक पहुंचाया। वे पहले ऐसे आचार्य हुए जिन्होंने उत्तर भारत में भक्ति का प्रचार किया।


कबीरदास (Kabirdas)

कबीरदास 15वीं सदी के भारतीय रहस्यवादी कवि और संत थे। वे हिन्दी साहित्य के भक्तिकाल के निर्गुण शाखा के ज्ञानमर्गी उपशाखा के महानतम कवि हैं। इनकी रचनाओं ने हिन्दी प्रदेश के भक्ति आंदोलन को गहरे स्तर तक प्रभावित किया। उनकी रचनाएँ सिक्खों के आदि ग्रंथ में सम्मिलित की गयी हैं।


अवध (Awadh) 

अवध वर्तमान उत्तर प्रदेश के एक भाग का नाम है जो प्राचीन काल में कोशल कहलाता था। इसकी राजधानी "फैजाबाद" थी। वर्तमान समय में अयोध्या जिले में आता है। अवध शब्द अयोध्या से ही निकला है। अवध की राजधानी प्रारम्भ में "अयोध्या" थी किन्तु बाद में लखनऊ आई थी। अवध पर नवाबों का आधिपत्य था जो प्रायः स्वतंत्र थे।

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" उत्तर प्रदेश का आधुनिक इतिहास " 

ईस्ट इण्डिया कम्पनी

ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी (British East India Company)

ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना 31 दिसम्बर 1600ईस्वी में हुई थी। इसे यदाकदा जॉन कंपनी के नाम से भी जाना जाता था। इसे ब्रिटेन की महारानी ने भारत के साथ व्यापार करने के लिये 21 सालो तक की छूट दे दी। बाद में कम्पनी ने भारत के लगभग सभी क्षेत्रों पर अपना सैनिक तथा प्रशासनिक अधिपत्य जमा लिया। 1858 में इसका विलय हो गया।


रानी लक्ष्मीबाई (Rani Lakshmi Bai)

रानी लक्ष्मीबाई मराठा शासित झाँसी राज्य की रानी और 1857 की राज्यक्रान्ति की द्वितीय शहीद वीरांगना थीं। उन्होंने सिर्फ 29 वर्ष की उम्र में अंग्रेज साम्राज्य की सेना से युद्ध किया और रणभूमि में वीरगति को प्राप्त हुईं। बताया जाता है कि सिर पर तलवार के वार से शहीद हुई थी।


मोतीलाल नेहरू

मोतीलाल नेहरू (Motilal Nehru)

मोतीलाल नेहरू प्रयागराज के एक प्रसिद्ध अधिवक्ता एवं ब्रिटिशकालीन राजनेता थे। वे भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री जवाहरलाल नेहरू के पिता थे। वे भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के आरम्भिक कार्यकर्ताओं में से थे। जलियांवाला बाग काण्ड के बाद 1919 में अमृतसर में हुई कांग्रेस के वे पहली बार अध्यक्ष बने और फिर 1928 में कलकत्ता में दोबारा कांग्रेस के अध्यक्ष बने।


महामना मदन मोहन मालवीय (Honorable Madan Mohan Malviya)

 महामना मदन मोहन मालवीय काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रणेता तो थे ही इस युग के आदर्श पुरुष भी थे। वे भारत के पहले और अन्तिम व्यक्ति थे जिन्हें महामना की सम्मानजनक उपाधि से विभूषित किया गया। पत्रकारिता, वकालत, समाज सुधार, मातृ भाषा तथा भारतमाता की सेवा में अपना जीवन अर्पण करने वाले इस महामानव ने जिस विश्वविद्यालय की स्थापना की उसमें उनकी परिकल्पना ऐसे विद्यार्थियों को शिक्षित करके देश सेवा के लिये तैयार करने की थी जो देश का मस्तक गौरव से ऊँचा कर सकें। मालवीयजी सत्य, ब्रह्मचर्य, व्यायाम, देशभक्ति तथा आत्मत्याग में अद्वितीय थे। इन समस्त आचरणों पर वे केवल उपदेश ही नहीं दिया करते थे अपितु स्वयं उनका पालन भी किया करते थे। वे अपने व्यवहार में सदैव मृदुभाषी रहे।


जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru)

जवाहरलाल नेहरू भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री थे और स्वतन्त्रता के पूर्व और पश्चात् की भारतीय राजनीति में केन्द्रीय व्यक्तित्व थे। महात्मा गांधी के संरक्षण में, वे भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के सर्वोच्च नेता के रूप में उभरे और उन्होंने १९४७ में भारत के एक स्वतन्त्र राष्ट्र के रूप में स्थापना से लेकर १९६४ तक अपने निधन तक, भारत का शासन किया। वे आधुनिक भारतीय राष्ट्र-राज्य – एक सम्प्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, और लोकतान्त्रिक गणतन्त्र - के वास्तुकार माने जाते हैं। कश्मीरी पण्डित समुदाय के साथ उनके मूल की वजह से वे पण्डित नेहरू भी बुलाए जाते थे, जबकि भारतीय बच्चे उन्हें चाचा नेहरू के रूप में जानते हैं।


राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन (Rajarshi Purushottam Das Tandon)

राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन भारत के स्वतन्त्रता सेनानी एवं राजनेता थे। वे भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन के अग्रणी पंक्ति के नेता तो थे ही, समर्पित राजनयिक, हिन्दी के अनन्य सेवक, कर्मठ पत्रकार, तेजस्वी वक्ता और समाज सुधारक भी थे। हिंदी को भारत की राजभाषा के पद पर प्रतिष्ठित करवाने में उनका महत्त्वपूर्ण योगदान था।


मोहनदास करमचन्द गांधी (Mohandas Karamchand Gandhi)

मोहनदास करमचन्द गांधी जिन्हें महात्मा गांधी के नाम से भी जाना जाता है भारत एवं भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के एक प्रमुख राजनैतिक एवं आध्यात्मिक नेता थे। वे सत्याग्रह (व्यापक सविनय अवज्ञा) के माध्यम से अत्याचार के प्रतिकार के अग्रणी नेता थे, उनकी इस अवधारणा की नींव सम्पूर्ण अहिंसा के सिद्धान्त पर रखी गयी थी जिसने भारत को भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम दिलाकर पूरे विश्व में जनता के नागरिक अधिकारों एवं स्वतन्त्रता के प्रति आन्दोलन के लिये प्रेरित किया। उन्हें संसार में साधारण जनता महात्मा गांधी के नाम से जानती है।


चौरी चौरा

चौरी चौरा (chauri chaura)

4 फ़रवरी 1922 को भारतीयों ने बिट्रिश सरकार की एक पुलिस चौकी को आग लगा दी थी जिससे उसमें छुपे हुए 22 पुलिस कर्मचारी जिन्दा जल के मर गए थे। इस घटना को चौरीचौरा काण्ड के नाम से जाना जाता है। इसके परिणामस्वरूप गांधीजी ने कहा था कि हिंसा होने के कारण असहयोग आन्दोलन उपयुक्त नहीं रह गया है और उसे वापस ले लिया था। चौरी चौरा की इस घटना से महात्मा गाँधी द्वारा चलाये गये असहयोग आन्दोलन को आघात पहुँचा, जिसके कारण उन्हें असहयोग आन्दोलन को स्थागित करना पड़ा, जो बारदोली, गुजरात से शुरू किया जाने वाला था। ब्रिटिश सरकार ने इस घटना के बाद, 19 लोगों को पकड़कर उन्हें फाँसी दे दी थी, और उनकी याद में यहाँ एक शहीद स्मारक आज खड़ा है।


मुज़फ़्फ़रनगर (Muzaffarnagar)

2 अक्टूबर 1994 को मुज़फ़्फ़रनगर में इस आन्दोलन के एक प्रदर्शन में पुलिस द्वारा की गई गोलीबारी में 40 लोग मारे गए।


लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) 

लखनऊ विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश में स्थित एक सार्वजनिक राज्य विश्वविद्यालय है। 1867 में स्थापित, लखनऊ विश्वविद्यालय भारत में उच्च शिक्षा के सबसे पुराने सरकारी स्वामित्व वाले संस्थानों में से एक है।


सुचेता कृपलानी

सुचेता कृपलानी (Sucheta Kriplani)

सुचेता कृपलानी एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी एवं राजनीतिज्ञ थीं। ये उत्तर प्रदेश की मुख्य मंत्री बनीं और भारत की प्रथम महिला मुख्यमंत्री थीं। वे प्रसिद्ध गांधीवादी नेता आचार्य कृपलानी की पत्नी थीं।


पंडित गोविन्द बल्लभ पन्त

पंडित गोविन्द बल्लभ पन्त (Pandit Govind Ballabh Pant)

पंडित गोविन्द बल्लभ पन्त प्रसिद्ध स्वतन्त्रता सेनानी और वरिष्ठ भारतीय राजनेता थे। वे उत्तर प्रदेश राज्य के प्रथम मुख्य मन्त्री और भारत के चौथे गृहमंत्री थे। सन 1957 में उन्हें भारतरत्न से सम्मानित किया गया। गृहमंत्री के रूप में उनका मुख्य योगदान भारत को भाषा के अनुसार राज्यों में विभक्त करना तथा हिन्दी को भारत की राजभाषा के रूप में प्रतिष्ठित करना था।

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उत्तराखण्ड (Uttarakhand) 

उत्तराखण्ड उत्तर भारत में स्थित एक राज्य है जिसका निर्माण 9 नवम्बर 2000 को कई वर्षों के आन्दोलन के पश्चात भारत गणराज्य के सत्ताईस वें राज्य के रूप में किया गया था। सन 2000 से 2006 तक यह उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था। जनवरी 2007 में स्थानीय लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य का आधिकारिक नाम बदलकर उत्तरखण्ड कर दिया गया। राज्य की सीमाएँ उत्तर में तिब्बत और पूर्व में नेपाल से लगी हैं। पश्चिम में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में उत्तर प्रदेश इसकी सीमा से लगे राज्य हैं। सन 2000 में अपने गठन से पूर्व यह उत्तर प्रदेश का एक भाग था। पारम्परिक हिन्दू ग्रन्थों और प्राचीन साहित्य में इस क्षेत्र का उल्लेख उत्तराखण्ड के रूप में किया गया है।

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