इस एक कारण से हुआ विवाद, सात साल पुराना है मामला
दूबे परिवार से कुल तीन भाईं थे ओमप्रकाश दूबे , सत्यप्रकाश दूबे, साधु दूबे ।
ग्रामीणों का आरोप है कि ओमप्रकाश दूबे को सात साल पहले सत्यप्रकाश दूबे की पत्नी ने ज़हर देकर मार दिया था।
बचे दो भाई ओमप्रकाश दूबे और साधु दूबे।
साधु दूबे अपनी जान बचाने के लिए सत्यप्रकाश दूबे अलग हो गया और प्रेमचंद यादव के घर सात साल रहा और अपनी जमीन प्रेमचंद यादव को बेंच दीं । लेकिन सत्यप्रकाश दूबे साधु दूबे की जमीन किसी भी हालत में हासिल करना चाहता था। फिर जमीन के लालच में आकर सत्यप्रकाश दूबे ने षणंयंत्र के तहत (2 अक्टूबर 2023) प्रेमचंद यादव कि हत्या कर दी।
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भूतपूर्व प्रधान एवं जिला पंचायत सदस्य प्रेमचंद यादव को सुबह अपनी बाइक खेत के पास लगाकर खेत घूमने चले जाते हैं। सत्य प्रकाश दुबे का बड़ा बेटा देवेश दूबे मौका देखकर बाइक अपने घर पर लाकर खड़ी कर देता है।
प्रेमचंद यादव बाइक लेने के लिए जाते हैं सत्य प्रकाश दुबे के घर में पहले से मौजूद 6 लोग प्रेमचंद यादव से मारपीट करने लगते हैं।
उसी समय सत्य प्रकाश दुबे का बड़ा बेटा देवेश दुबे किसी धारदार हथियार से प्रेमचंद यादव के सर के पीछे वार कर देता है जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो जाती है ।
इस घटना को अंजाम देने के बाद सत्य प्रकाश दुबे घर में जाकर छुप जाता है।मुख्य आरोपी देवेश दुबे व अन्य दो व्यक्ति ताला लगाकर मौके से फरार हो जाते हैं।
जैसे ही इस घटना की जानकारी प्रेमचंद के यादव के गांव वालों को पता चलती है बड़ी संख्या में लोग प्रेमचंद यादव को देखने के लिए पहुंचते हैं।
हत्यारे सत्य प्रकाश दुबे घर में छुपे होने बात लोगों को पता चलती है। गुस्साई भीड़ ने पत्थर डंडों से प्रेमचंद के हत्यारे दुबे के घर पर हमला कर देती है। हमले में सत्य प्रकाश दुबे के परिवार के पांच सदस्य अपनी जान गंवा देते हैं।
उत्तर प्रदेश की भाजपा पर लग रहे हैं पक्षपात के आरोप।
योगी आदित्यनाथ एवं उनके मंत्री प्रेमचंद यादव के हत्यारों से तो मिलते हैं लेकिन प्रेमचंद यादव के पीड़ित घर वालों से नहीं मिलते।
सत्य प्रकाश दुबे एवं उनके परिवार की हत्या के आरोप में 20 लोगों को पुलिस ने अरेस्ट किया है जिसमें से मुख्य आरोपी नवनाथ मिश्रा को बताया जा रहा है।
पुलिस पर लग रहे हैं पक्षपात के आरोप ।
प्रेमचंद यादव हत्या के मुख्य आरोपी देवेश को भागते हुए ग्रामीणों ने देखा है। प्रेमचंद यादव के घर रिश्तेदार मिलने के लिए आते है पुलिस सगदिब्ध बताकर अरेस्ट कर लेती हैं। ग्रामीणों को भी सगदिब्ध बताकर अरेस्ट किया गया है। कुल मिलाकर देखा जाए तो पुलिस गवाहों को सगदिब्ध बताकर अरेस्ट कर रहीं हैं।
देखें देवरिया कांड में गोदी मीडिया कैसे फैला रहा है झूठ।
मीडिया को झूठ फैलाना होता है या मनगढ़ंत कहानी सुननी होती है तो वह सूत्रों की माने तो लगाकर अपनी मनगढ़ंत कहानी सुना देते हैं ।
उच्च स्तरीय जांच की मांग।
प्रेमचंद यादव का पीड़ित परिवार लगातार निष्पक्ष उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रहा है लेकिन उत्तर प्रदेश की सरकार उच्च स्तरीय जांच से बचती नजर आ रही है मीडिया वाले भी उच्च स्तरीय जांच की मांग नहीं कर रहे हैं।
न्याय नहीं मिलेगा।
प्रेमचंद यादव की पत्नी का कहना है कि उन्हें न्याय नहीं मिलेगा उनकी माने तो पुलिस एक्सीडेंटल, पाकिस्तान की साजिश या किसी बच्चे ने हत्या की हो जैसे आरोप मामले को रफा दफा कर देंगी।