वाशिंगटन डी.सी अमेरिका. की उस उमस भरी शाम को जब मैं अपनी पत्नी सोफिया के क्लिनिक के बाहर खड़ा था, मेरी उंगलियाँ कार के स्टीयरिंग पर बेसुध थरथरा रही थीं। आँखों के सामने वही ईमेल घूम रहा था—"आपकी पत्नी अपने मरीजों के साथ गंदा खेल खेलती है।" मैंने कभी नहीं सोचा था कि यह शक, यह दर्द, मुझे एक हत्यारे में बदल देगा...
अध्याय 1: वह पहला पेशेंट
मेरी पत्नी डॉ. सोफिया का क्लिनिक "माइंड केयर सेंटर" शहर के सबसे व्यस्त इलाके में था। वह मानसिक रोगों की विशेषज्ञ थी, और मैं उसके समर्पण पर गर्व करता था। लेकिन पिछले छह महीने से कुछ बदल रहा था। वह देर रात तक क्लिनिक में रुकती, मेरे सवालों को "पेशेंट्स की चिंता" कहकर टाल देती। एक दिन, जब मैं उसके क्लिनिक पहुँचा, तो रिसेप्शनिस्ट ने बताया, "डॉ. सोफिया एक पेशेंट के साथ बाहर गई हैं।"
मैंने उस पेशेंट का नाम पूछा—मार्क। वह 28 साल का एक डिप्रेशन का मरीज था, जिसका गर्लफ्रेंड ने धोखा दे दिया था। मैंने सोचा, "शायद सोफिया उसे किसी पार्क में ले गई होगी, तनाव कम करने के लिए।" लेकिन जब मैंने उनकी कार को "रॉयल होटल" के बाहर देखा, तो मेरा दिल धड़कना बंद हो गया...
अध्याय 2: केबिन का राज़
उस रात सोफिया ने मुझे बताया, "मार्क को बाहर ले जाना पड़ा... वह बहुत बेचैन था।" मैं चुप रहा, लेकिन मेरे मन में एक छुरी-सा घुस गया। फिर एक दिन, मैंने उसके केबिन का CCTV फुटेज देखा—जिस टेबल पर मरीजों को सुलाया जाता था, उस पर सोफिया लेटी थी, और मार्क उसे इंजेक्शन दे रहा था... नहीं, वह कोई दवा नहीं थी। वह उसके कपड़ों को फाड़ रहा था, और सोफिया की आँखों में वह चमक थी जो मैं सालों से खोज रहा था।
मैंने कैमरे का फुटेज डिलीट कर दिया, लेकिन मेरे हाथ काँप रहे थे। फिर जेम्स नाम के दूसरे पेशेंट ने क्लिनिक का रुख किया—एक पूर्व सैनिक, जिसे कोर्ट मार्शल के बाद डिप्रेशन हुआ। सोफिया उसे भी "इलाज" के नाम पर होटल ले जाने लगी। मैं चुपचाप उनका पीछा करता, और हर बार मेरी साँसें थम जातीं...
अध्याय 3: जॉर्ज का खेल
फिर जॉर्ज आया—एक व्यापारी जिसकी पत्नी उससे तलाक मांग रही थी। वह सोफिया पर पागल हो गया। एक रात, मैंने उसे अपने घर के बाहर छिपे देखा। उसने सोफिया को चिट्ठी लिखी: "तुम सिर्फ मेरी हो सकती हो... वरना तुम्हारा सच सबके सामने आ जाएगा।"
सोफिया ने उसे अनदेखा किया, लेकिन जॉर्ज ने मुझे वह ईमेल भेज दिया। जब मैंने सोफिया से सच पूछा, तो वह फूट-फूट कर रोने लगी: "मुझसे गलती हो गई, डेनियल... ये मरीज मुझे ब्लैकमेल कर रहे थे!" लेकिन मुझे पता था—यह ब्लैकमेल नहीं, बल्कि उसका स्वेच्छाचार था।
अध्याय 4: अंतिम दिन
वह रात मेरे लिए नर्क थी। सोफिया ने कहा, "मैं सब छोड़ दूँगी... बस मुझे माफ़ कर दो।" लेकिन मेरे हाथ में वह पेपरवेट था—एक Wedding Gift जो हमने 4 साल पहले खरीदा था। मैंने उसे उसके सिर पर दे मारा... और फिर सब कुछ शांत हो गया।
पुलिस ने मुझसे पूछा, "आपने ऐसा क्यों किया?" मैं हँसा: "क्योंकि मैं उससे प्यार करता था... और प्यार कभी माफ़ नहीं करता।"
जेल की कोठरी से
आज, जब मैं इस जेल की खिड़की से बारिश देखता हूँ, तो लगता है—सोफिया ने मुझे नहीं, बल्कि अपने भूत मारे थे। वह हर पेशेंट के साथ अपनी बीती हुई कमज़ोरियाँ दफनाने की कोशिश कर रही थी। लेकिन मैंने उसके साथ अपना सबकुछ दफन कर दिया
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