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पोरस: भारत का अजेय योद्धा - सिकंदर के खिलाफ वीरता की गाथा







प्राचीन भारत में मथुरा के यदुवंशी राजा पोरस एक ऐसे योद्धा थे जिन्होंने कभी हार का सामना नहीं किया। उनके साहस और पराक्रम के किस्से आज भी सुनाए जाते हैं।

प्राचीन भारत में मथुरा के यदुवंशी राजा पोरस


पोरस का जन्म 340 ईसा पूर्व में हुआ था। उनके पिता का नाम अम्बिक और माता का नाम ययोति था। बचपन से ही पोरस में वीरता का जज़्बा था। उन्होंने कई युद्धों में भाग लिया और हमेशा विजय प्राप्त की।

पोरस में वीरता का जज़्बा




पोरस की पत्नी का नाम लची था। वह एक सुंदर और बुद्धिमान महिला थीं। उन्होंने पोरस को कई युद्धों में जीत दिलाने में मदद की थी। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि पोरस की एक और पत्नी थी, जिसका नाम "हेलेन" था। वह सिकंदर की बहन थी।

पोरस की पत्नी का नाम लचीपोरस की पत्नी का नाम हेलेन




326 ईसा पूर्व में, विश्व विजेता सिकंदर महान भारत पर आक्रमण किया। पोरस ने सिकंदर का सामना करने का फैसला किया और हाइडस्पेश की लड़ाई में सिकंदर के साथ युद्ध किया। यह लड़ाई इतिहास की सबसे प्रसिद्ध और बड़ी लड़ाई है।

सिकंदर महान भारत पर आक्रमण


इस लड़ाई में पोरस ने हार नहीं मानी और सिकंदर को कड़ी टक्कर दी। अंत में, सिकंदर ने पोरस की वीरता से प्रभावित होकर उसे एक स्वतंत्र राज्य के रूप में मान्यता दी।

सिकंदर  पोरस की वीरता



इसके अलावा, पोरसा ने निम्नलिखित लड़ाईयां भी लड़ी:-


340 ईसा पूर्व: पोरसा के पिता अम्बिक की मृत्यु के बाद, पोरसा ने अपने चाचा अम्बी को हराकर मथुरा के राजा का पद संभाला।

330 ईसा पूर्व: पोरसा ने सिंध के राजा पुरु को हराकर सिंध का क्षेत्र अपने साम्राज्य में मिला लिया।

327 ईसा पूर्व: पोरसा ने तक्षशिला के राजा अंभी के साथ एक संधि की।


हाइडस्पेश की लड़ाई के परिणामस्वरूप भारत के इतिहास में कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए। इस लड़ाई ने  भारत पर विदेशी आक्रमणों को रोक दिया। साथ ही, यह लड़ाई भारत और यूनान के बीच संस्कृतियों के आदान-प्रदान का मार्ग प्रशस्त किया।

भारत और यूनान



पोरस एक महान योद्धा और शासक थे। उन्होंने अपने पराक्रम और उदारता से भारत के इतिहास में अपना नाम अमर कर लिया। पोरस की मृत्यु 317 ईसा पूर्व में हुई।


पोरस के बारे में कुछ दिलचस्प तथ्य:


पोरस को अक्सर "कभी ना हारने वाला राजा" भी कहा जाता है।

पोरस का नाम "पौरस " भी लिखा जाता है।

पोरस के राज्य का नाम "पौरव" था।


पोरस एक ऐसे योद्धा थे जिन्होंने भारत के इतिहास में एक अमिट छाप छोड़ी। उनकी वीरता और उदारता की कहानियां आज भी सुनाई जाती हैं। पोरस एक प्रेरणा हैं और हमें बताते हैं कि साहस और दृढ़ संकल्प से कुछ भी हासिल किया जा सकता है।

 


लोग यह भी जानना चाहते हैं:-

प्रश्नों - पोरस कौन से वंश का था? उत्तर - पोरस यदुवंशी राजपूत वंश का था। यदुवंशी राजपूत वंश का संबंध भगवान कृष्ण के वंश से माना जाता है। पोरस का जन्म 340 ईसा पूर्व में हुआ था। प्रश्नों -सिकंदर और पोरस की लड़ाई में कौन जीता? उत्तर - सिकंदर और पोरस की लड़ाई में सिकंदर ने जीत हासिल की, लेकिन यह एक कठिन और निर्णायक लड़ाई थी। इस लड़ाई में पोरस की सेना ने सिकंदर की सेना को भारी नुकसान पहुंचाया था। प्रश्नों -पोरस कहाँ का राजा था? पोरस पंजाब का राजा था। उसका साम्राज्य झेलम नदी से लेकर चिनाब नदी तक फैला हुआ था। पोरस की राजधानी वर्तमान लाहौर के पास थी। प्रश्नों - क्या पोरस जाट थे? उत्तर -पोरस यदुवंशी राजपूत थे। प्रश्नों -राजा पोरस की वंशावली? उत्तर - पोरस की वंशावली इस प्रकार है: 1.पोरस 2.राजा परमानंद 3.राजा भूमेंद्र 4.राजा कुरुंद्र 5.राजा वीरेंद्र 6.राजा वीरेंद्र 7.राजा महावीर 8.राजा वीरेंद्र 9.राजा विक्रमादित्य 10.राजा पोरस cast प्रश्नों -पोरस की cast यदुवंशी राजपूत थी। उत्तर - यदुवंशी राजपूत थी प्रश्नों - पोरस गोत्र? उत्तर - पोरस का गोत्र यदु था। प्रश्नों - पोरस कौन था? उत्तर - पोरस एक महान योद्धा और शासक थे। उन्होंने सिकंदर की विशाल सेना को भारी नुकसान पहुंचाया था। पोरस की बहादुरी और वीरता की कहानियां आज भी सुनाई जाती हैं। प्रश्नों - राजा पोरस की वंशावली wikipedia? उत्तर - राजा पोरस की वंशावली wikipedia पर उपलब्ध है। प्रश्नों - पोरस का जन्म? उत्तर - पोरस का जन्म 340 ईसा पूर्व में हुआ था। प्रश्नों - पोरस के पिता का नाम? उत्तर - पिता का नाम अम्बिक और माता का नाम ययोति था। प्रश्नों -पोरस की मौत कैसे हुई? उत्तर - पोरस की मौत 316 ईसा पूर्व में हुई थी। उनकी मौत की वजह स्पष्ट नहीं है, लेकिन कुछ इतिहासकारों का मानना है कि उन्हें सिकंदर के सेनापति सेठो ने हत्या कर दी थी।


और पढ़ें :- यादव अहीर जाति का इतिहास | History of Yadav Ahir caste
              
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