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एंडीज का नरक: 72 दिवसीय युद्ध |Real Crime Stories India

 

लंदन का खोया परिवार #crime_story_hindi

ओंकार वर्मा का दिल धक्‍क्‍स हो गया जब उसने फोन पर अपनी छोटी बहन नैंसी की आवाज़ में अजीब-सी घबराहट सुनी। वह सिसकियों में बता रही थी, *"भैया, अमरजीत गायब हैं... उनका फोन बंद है। कंपनी वाले कहते हैं, वे नीदरलैंड्स गए हैं, लेकिन उनका पासपोर्ट तो घर पर ही पड़ा है!"* नैंसी की हँसी जो कभी पूरे घर को रोशन कर देती थी, आज डर में डूबी हुई थी। ओंकार ने उसे शांत करने की कोशिश की, मगर खुद उसकी साँसें तेज हो गईं।   ### लंदन का सन्नाटा   कुछ दिन बाद जब ओंकार लंदन पहुँचा, तो नैंसी का घर सुनसान पड़ा था। खाना मेज पर सूख रहा था, बच्चों के खिलौने बिखरे थे, पर कोई नहीं था—न नैंसी, न उसके दोनों बच्चे, न माँ चरणजीत। ओंकार के पैरों तले ज़मीन खिसक गई। *"यह कैसे हो सकता है? सब गायब...?"* उसकी आँखों के सामने अँधेरा छा गया।   ### एक फिल्मी प्रेमकथा का अंत   नैंसी और अमरजीत चौहान की प्रेमकथा किसी सिनेमा की कहानी जैसी थी। 21 साल की उम्र के फासले को प्यार ने पाट दिया था। लंदन में फलों के आयात-निर्यात का उनका व्यवसाय, 'सीबा फ्रेट', संघर्षों से खड़ा हुआ था। घर खुशियों से भरा था, ल...